Ganpati Atharvashirsa puja – 108 path
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गणेश अथर्वशीर्ष
गणेश अथर्वशीर्ष का महत्व क्या है?
गणेश अथर्वशीर्ष
गणेश अथर्वशीर्ष का महत्व क्या है?
गणेश अथर्वशीर्ष का महत्व क्या है?
अथर्वशीर्ष एक मंत्र जाप है जो भगवान गणेश के अस्तित्व की प्रशंसा करता है और उन्हें अन्य सभी में सबसे पहले पूजे जाने वाला भगवान मानता है। गण-धीश का अर्थ है गण का अधिपति अर्थात देवताओं का स्वामी, बुद्धि का स्वामी, सभी धन का स्वामी, शांति का स्वामी।
सामग्री |
मात्रा |
रोली |
1 पैकेट |
कलावा (मौली) |
2 पैकेट |
सिंदूर |
1 पैकेट |
लौंग |
1 पैकेट |
इलायची |
1 पैकेट |
सुपारी |
11 नग |
शहद |
1 शीशी |
इत्र |
1 शीशी |
गंगाजल |
1 शीशी |
गुलाब जल |
1 बड़ी बोतल |
अबीर |
1 पैकेट |
गुलाल |
1 पैकेट |
हल्दी |
50 ग्राम |
गरिगोला |
1 नग |
पानी नारियल |
1 पैकेट |
लाल कपड़ा |
आधा मीटर |
पिली सरसों |
50 ग्राम |
कलश |
1 (अगर कोई धातु का कलश घर पर हो तो ना खरीदे ) |
सकोरा |
04 नग |
दियाली |
15 नग |
जनेऊ |
4 नग |
माचिस |
1 नग |
नवग्रह चावल |
1 पैकेट |
धूपबत्ती |
1 पैकेट |
कपूर |
50 ग्राम |
रूईबत्ती गोल वाली |
1 पैकेट |
देशी घी |
500 ग्राम |
आम का लकड़ी |
2 किलो |
पानी का नारियल |
2 नग |
पिली सरसो |
50 ग्राम |
चावल |
09 या 11 किलो |
नवग्रह समिधा |
1 पैकेट |
हवन सामग्री |
500 ग्राम |
फूल, फूलमाला,दूर्वा, दूर्वा की माता, फल , मिठाई , |
– |
पान के पते |
5 नग |
पञ्चामृत, मोदक, विशेष व्यंजन का भोग नित्य |
– |
Mr Jahirul
Donec sollici tudin mole stie male sua da. Vest ibulum ante.........